Shaleen Rakesh Poetry
Shaleen Rakesh Poetry
Saturday, February 22, 2014
ख्वाबों के परिंदे
खुले
नीले
आस्मां
तले
हवा
ने
अपने
पंख
खोले
और
तुम्हारी
मुस्कान
से
चले
एक
राह
निकली
है
मुझतक
तुम्हारे
ख्वाबों
में
जलता
हूँ
अपने
ही
प्यार
को
देख
देखकर
मेरा
ख्वाब
और
मेरी
आँखें
बंद
न
हों
.
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