Saturday, February 22, 2014

ख्वाबों के परिंदे

खुले नीले आस्मां तले

हवा ने अपने पंख खोले

और तुम्हारी मुस्कान से चले

एक राह निकली है मुझतक

 

तुम्हारे ख्वाबों में जलता हूँ

अपने ही प्यार को देख देखकर

 

मेरा ख्वाब और मेरी आँखें बंद हों.
 
 

Thursday, February 13, 2014

पारियां और पतंगे

उस लड़के ने मुझसे प्यार किया
पर वो मुझे पतंगा ना बना सका
मेरे परों का शब्द याद रख पाने को

वो पर, वो पारियां, वो पतंगे

लड़के इन्ही को प्यार करते हैं क्या?

फिर क्यों मुझे इतनी नाज़ुकता से-
प्यार करना नहीं आया?
क्यों मैं कभी जलते घरों की ओर नहीं दौड़ा?
क्या उन घरों में कुछ रखा था?
किसीका पागलपन?

मैं किसी लड़के से इतना प्यार नहीं कर सका-
अँधाधुन
पागलों की तरह
रातों को जाग-जागकर।


 

हैल्लो ३७७


हैल्लो ३७७ आज मुझे तुमसे कुछ बातें कहनी हैं.

 

मुझे ये जो ज़रूरत महसूस होती है

अचानक बेबाक कहने की-

मुझे उससे प्यार है, मुझे प्यार है उससे

और यह भी

कि उसके पंखों कि उड़ान

मेरी ही उड़ान है 

 

वो बारिश भी उसी की है

जो मुझे ओस की तरह छू कर जाती है

और वापस आती है बादल बनकर

याद दिलाती है मुझको

जनवरी कि सर्द शामों की

 

उसके कांपते होंठों का एहसास

जो मेरी पीठ पर चलते हैं

धीमे से

उस एहसास का क्या कहूँ?

 

तो क्यों ना

उसका हाथ पकड़ चलूँ 

उसकी धड़कनों के तले

उसके जिस्म की राह पकड़

 

लोग कहते हैं

तुम्हें हमारा प्यार पसंद नहीं?

 

तुम जिन सख्त निगाहों से हमें देखते हो

जैसे हमें कैद कर देना चाहते हो

 

क्या तुम प्यार के रंगों को

कैद करना भी जानते हो?

 

या उस शब्द को

जिसे मैं रोज़ सुबह

अपने जिस्म पर महसूस करता हूँ?

क्या आजकल आकर्षण को भी कैद किया जाता है?

तुम जानते हो क्या?

 

वैसे मैं तुम्हारे बारे में इतना कुछ नहीं जानता।

ये तो मेरे दोस्त हैं

जो मुझे तुम्हारे बारे में बत्ताते हैं

काफी पढ़े लिखे हैं मेरे दोस्त

कुछ तो वकील भी हैं

उन्होंने कहा तुम १५० सालों से हमसे नफरत करते हो

काफी आश्चर्य हुआ था मुझे ये सुनकर

और हंसी भी आयी थी

१५० साल कि नफरत

प्यार को काबू करने में कम कैसे पड़ गयी?

 

तुम थक गए होगे है ना?

 

तुम्हें आज एक दोस्त चाहिए

मेरे जैसा

जो तुम्हें समझ सके

 

जो बाकी सबकी तरह 

तुम्हारी काया को

इक कागज़ का बेकार टुकड़ा ना समझे 

 

मेरे जैसा दोस्त

जो तुम्हें सही राह दिखाए

जो प्यार से कभी ना थके

 

जो तुम्हें बता सके

ये प्यार ही तो ज़िन्दगी है

 

मेरे दोस्त

 

इसमें थकते नहीं

इसमें सिर्फ चलते है

बहुत तेज़ बहुत दूर-- नफरत से!

नफरत से बहुत दूर

और बहुत आगे


 

Darker still

You shouldn’t try

to visualise the end

of the tunnel

if it will be light

or darker still

just keep going

not overcoming

but only giving up

 

Its best

to not look back

to not search anything

around you

only what is

inside.
 
 

Metal Sky

We need to see more clearly

in order to see the rocks

as they see each other

 

within me

the land is summed up

not reduced

 

if I had not lived

inside the city of smoke and hunger

the sky would not be what it is.  
 
 

January


The winter is,

every time,

and always

 

the first and sacred season

 

when everything is worshipped

and offered.
 
 

Hardlight


My love is,

every time,

and always

 

the first and sacred season

 

but don’t ask me

who my lover is

 

I know nothing about him

I only know how to find him again

thanks to love.